RBI Monetary Policy 2023: Repo Rate से क्यों डरा हुआ है बाजार ?

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RBI Repo Rate
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RBI मौद्रिक नीति: अक्टूबर 2023

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 6 अक्टूबर, 2023 को अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा की। इस समीक्षा में, RBI ने रेपो दर को 0.50% बढ़ाकर 5.90% करने का निर्णय लिया। यह लगातार तीसरी वृद्धि है, क्योंकि RBI मुद्रास्फीति को नियंत्रण में लाने की कोशिश कर रहा है।

मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने सर्वसम्मति से रेपो दर में वृद्धि का निर्णय लिया। MPC ने कहा कि मुद्रास्फीति में लगातार वृद्धि के बाद हाल ही में कुछ नरमी आई है, लेकिन यह अभी भी ऊंचे स्तर पर है। MPC ने यह भी कहा कि वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण कमजोर है और इससे भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ने की संभावना है।

MPC ने कहा कि रेपो दर में वृद्धि मुद्रास्फीति को नियंत्रण में लाने और आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिए आवश्यक है। MPC ने यह भी कहा कि वह आगे की मौद्रिक नीति की कार्रवाइयों का निर्धारण करते समय आर्थिक स्थिति और मुद्रास्फीति के रुझानों पर बारीकी से नजर रखेगा।

रेपो दर क्या है?

रेपो दर वह दर है जिस पर वाणिज्यिक बैंक RBI से अल्पकालिक ऋण लेते हैं। यह RBI की सबसे महत्वपूर्ण मौद्रिक नीति उपकरणों में से एक है। RBI रेपो दर में वृद्धि करके अर्थव्यवस्था में धन की आपूर्ति को कम करता है और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने की कोशिश करता है।

रेपो दर में वृद्धि के क्या प्रभाव होंगे?

रेपो दर में वृद्धि के निम्नलिखित प्रभाव होंगे:

  • बैंक अपने ग्राहकों को अधिक ब्याज दर पर ऋण देंगे।
  • ईएमआई और कार ऋण जैसी अन्य ऋणों की लागत बढ़ जाएगी।
  • बचत और जमा खातों पर ब्याज दर बढ़ सकती है।
  • रुपये में मजबूती आ सकती है, जिससे आयात सस्ता और निर्यात महंगा हो जाएगा।
  • आर्थिक वृद्धि दर में कुछ कमी आ सकती है।

रेपो दर में वृद्धि से किसे फायदा होगा और किसे नुकसान?

रेपो दर में वृद्धि से निम्नलिखित लोगों को फायदा होगा:

  • बचत खाताधारक
  • जमा खाताधारक
  • रुपया परिसंपत्तियों के धारक

रेपो दर में वृद्धि से निम्नलिखित लोगों को नुकसान होगा:

  • ऋण लेने वाले
  • निर्यातक
  • आर्थिक वृद्धि

RBI का मुद्रास्फीति लक्ष्य क्या है?

RBI का मुद्रास्फीति लक्ष्य 4% है, जिसमें 2% की ऊपरी और 2% की निचली सीमा है। RBI मुद्रास्फीति को अपने लक्ष्य के अनुरूप रखने के लिए मौद्रिक नीति का उपयोग करता है।

RBI का आर्थिक वृद्धि अनुमान क्या है?

RBI ने 2023-24 के लिए आर्थिक वृद्धि का अनुमान 7.2% लगाया है। यह अनुमान पिछले अनुमान से 0.2% अधिक है। RBI ने कहा कि आर्थिक वृद्धि में सुधार होगा, क्योंकि अर्थव्यवस्था कोरोना महामारी के प्रभाव से उबर रही है।

निष्कर्ष

RBI की मौद्रिक नीति समीक्षा का उद्देश्य मुद्रास्फीति को नियंत्रण में लाना और आर्थिक वृद्धि को समर्थन देना है। RBI ने रेपो दर में वृद्धि करके मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने की कोशिश की है। हालांकि, रेपो दर में वृद्धि का आर्थिक वृद्धि पर कुछ नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

RBI की मौद्रिक नीति के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q. RBI मौद्रिक नीति क्या है?

Contents
RBI मौद्रिक नीति: अक्टूबर 2023भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 6 अक्टूबर, 2023 को अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा की। इस समीक्षा में, RBI ने रेपो दर को 0.50% बढ़ाकर 5.90% करने का निर्णय लिया। यह लगातार तीसरी वृद्धि है, क्योंकि RBI मुद्रास्फीति को नियंत्रण में लाने की कोशिश कर रहा है।मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने सर्वसम्मति से रेपो दर में वृद्धि का निर्णय लिया। MPC ने कहा कि मुद्रास्फीति में लगातार वृद्धि के बाद हाल ही में कुछ नरमी आई है, लेकिन यह अभी भी ऊंचे स्तर पर है। MPC ने यह भी कहा कि वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण कमजोर है और इससे भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ने की संभावना है।MPC ने कहा कि रेपो दर में वृद्धि मुद्रास्फीति को नियंत्रण में लाने और आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिए आवश्यक है। MPC ने यह भी कहा कि वह आगे की मौद्रिक नीति की कार्रवाइयों का निर्धारण करते समय आर्थिक स्थिति और मुद्रास्फीति के रुझानों पर बारीकी से नजर रखेगा।रेपो दर क्या है?रेपो दर वह दर है जिस पर वाणिज्यिक बैंक RBI से अल्पकालिक ऋण लेते हैं। यह RBI की सबसे महत्वपूर्ण मौद्रिक नीति उपकरणों में से एक है। RBI रेपो दर में वृद्धि करके अर्थव्यवस्था में धन की आपूर्ति को कम करता है और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने की कोशिश करता है।रेपो दर में वृद्धि के क्या प्रभाव होंगे?रेपो दर में वृद्धि के निम्नलिखित प्रभाव होंगे:रेपो दर में वृद्धि से किसे फायदा होगा और किसे नुकसान?रेपो दर में वृद्धि से निम्नलिखित लोगों को फायदा होगा:रेपो दर में वृद्धि से निम्नलिखित लोगों को नुकसान होगा:RBI का मुद्रास्फीति लक्ष्य क्या है?RBI का मुद्रास्फीति लक्ष्य 4% है, जिसमें 2% की ऊपरी और 2% की निचली सीमा है। RBI मुद्रास्फीति को अपने लक्ष्य के अनुरूप रखने के लिए मौद्रिक नीति का उपयोग करता है।RBI का आर्थिक वृद्धि अनुमान क्या है?RBI ने 2023-24 के लिए आर्थिक वृद्धि का अनुमान 7.2% लगाया है। यह अनुमान पिछले अनुमान से 0.2% अधिक है। RBI ने कहा कि आर्थिक वृद्धि में सुधार होगा, क्योंकि अर्थव्यवस्था कोरोना महामारी के प्रभाव से उबर रही है।निष्कर्षRBI की मौद्रिक नीति समीक्षा का उद्देश्य मुद्रास्फीति को नियंत्रण में लाना और आर्थिक वृद्धि को समर्थन देना है। RBI ने रेपो दर में वृद्धि करके मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने की कोशिश की है। हालांकि, रेपो दर में वृद्धि का आर्थिक वृद्धि पर कुछ नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।RBI की मौद्रिक नीति के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नज्यादा जानकारी के लिए क्लिक करें

RBI मौद्रिक नीति वह तरीका है जिससे RBI अर्थव्यवस्था में धन की आपूर्ति और ब्याज दरों को नियंत्रित

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